कल रात तुझे सपने में देखा,
चाँद जमीं पर चलते देखा l
स्वर्ग लगे है कितना सुन्दर,
आज यहीं धरती पर देखा ll
तुम हँस दो तो जीवन चलता,
तुम गाओ तो बहती पवनें,
कैसे अंकुर वृक्ष है बनता,
नभ से जीवन झरते देखा ll
तुमको पाना ध्येय यही अब,
राह तू ही मंजिल तू ही अब l
नित-नित अपने सपनों को,
नयी चुनौती पढ़ते देखा ll
धर्म-ग्रन्थ का तू ही सार,
तू सावन तू ही आषाढ़ l
पल-पल तेरी यादों में,
मैंने स्वयं को जलते देखा ll
कल रात तुझे सपने में देखा,
चाँद जमीं पर चलते देखा ll
चाँद जमीं पर चलते देखा l
स्वर्ग लगे है कितना सुन्दर,
आज यहीं धरती पर देखा ll
तुम हँस दो तो जीवन चलता,
तुम गाओ तो बहती पवनें,
कैसे अंकुर वृक्ष है बनता,
नभ से जीवन झरते देखा ll
तुमको पाना ध्येय यही अब,
राह तू ही मंजिल तू ही अब l
नित-नित अपने सपनों को,
नयी चुनौती पढ़ते देखा ll
धर्म-ग्रन्थ का तू ही सार,
तू सावन तू ही आषाढ़ l
पल-पल तेरी यादों में,
मैंने स्वयं को जलते देखा ll
कल रात तुझे सपने में देखा,
चाँद जमीं पर चलते देखा ll
Very nice job!!!
ReplyDeleteInspirational and motivational lines...
Superb, kisko dekha uska naam bhi to pata chale... :)
ReplyDeleteh ha ha ha:):)haan Kinshu bolo-2 tell tell:):)
Deleteसमय आने पर जरूर बताऊंगा।.....
Deleteok kinshu... we r waiting for that 'samay'...:)
DeleteThank you for following .........
Deleteतुमको पाना ध्येय यही अब,
ReplyDeleteराह तू ही मंजिल तू ही अब l
नित-नित अपने सपनों को,
नयी चुनौती पढ़ते देखा !!
धर्म-ग्रन्थ का तू ही सार,
तू सावन तू ही आषाढ़ l
पल-पल तेरी यादों में,
मैंने स्वयं को जलते देखा ll...Good lines
Kinshu Good work....
बहुत खूब मित्र, खूबसूरत प्रयास, जारी रखना
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए सभी को बहुत बहुत धन्यवाद ......
ReplyDeleteexellent lines...keep it up..
ReplyDeletekhubsurat kavita ke dhani nikle aap to bhaijaan. mast posts hai. keep up the good work.
ReplyDeletenitish
Excellent..!!!
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