कल रात मैं घंटो बैठा रहा
खुले आसमां के नीचे
तुझे ढूंढने के लिए,
इन तारों के बीच
पर नहीं मिली तुम मुझे वहां।
तुम्हारी आवाज़ का रिकॉर्ड याद है
जो बनाया था हमने एक रोज़
उसे सुना तो थोड़ी तसल्ली हुई
और खिलखिलाई होंगी हमारे घर की दीवारें,
बगीचे और दरवाजे भी।
फिर मैंने तुम्हारी डायरी खोली
और तुम वहीँ थीं
तुम्हारी उन दो पसंदीदा
नज़्मों के बीच छिपी हुई।
मैंने एक बार फिर उन नज़्मों को पढ़ा,
और समा लिया तुमको अपने अंदर।
खुले आसमां के नीचे
तुझे ढूंढने के लिए,
इन तारों के बीच
पर नहीं मिली तुम मुझे वहां।
तुम्हारी आवाज़ का रिकॉर्ड याद है
जो बनाया था हमने एक रोज़
उसे सुना तो थोड़ी तसल्ली हुई
और खिलखिलाई होंगी हमारे घर की दीवारें,
बगीचे और दरवाजे भी।
फिर मैंने तुम्हारी डायरी खोली
और तुम वहीँ थीं
तुम्हारी उन दो पसंदीदा
नज़्मों के बीच छिपी हुई।
मैंने एक बार फिर उन नज़्मों को पढ़ा,
और समा लिया तुमको अपने अंदर।
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