एक बंद पुराने कमरे में,
लिखने की कुछ कोशिश में,
एक कागज और एक कलम,
सोच में इस क्या लिखें हम।।
गीत लिखूँ, संगीत लिखूँ
या तेरी मेरी प्रीत लिखूँ,
हार लिखूँ और जीत लिखूँ
या गंगा का संध्या-दीप लिखूँ।।
देस लिखूँ , परदेस लिखूँ ,
तुमको जो भेजे संदेस लिखूँ।।
आँखों से जो होती बातें,
बीते सावन की बरसातें
तन्हाई मे बीती रातें;
या लिखूँ कोई एक कहानी
जो तुम्हे सुनाये दादी-नानी
नयी लिखूँ या लिखूँ पुरानी।।
लिखना चाहूँ हर दिन कुछ-कुछ
जो सबके मन को भाये,
ओठ हो पुलकित, मन हर्षाये
भटके को रास्ता दिखलाये।।
एक बंद पुराने कमरे में,
लिखने की कुछ कोशिश में।।
लिखने की कुछ कोशिश में,
एक कागज और एक कलम,
सोच में इस क्या लिखें हम।।
गीत लिखूँ, संगीत लिखूँ
या तेरी मेरी प्रीत लिखूँ,
हार लिखूँ और जीत लिखूँ
या गंगा का संध्या-दीप लिखूँ।।
देस लिखूँ , परदेस लिखूँ ,
तुमको जो भेजे संदेस लिखूँ।।
आँखों से जो होती बातें,
बीते सावन की बरसातें
तन्हाई मे बीती रातें;
या लिखूँ कोई एक कहानी
जो तुम्हे सुनाये दादी-नानी
नयी लिखूँ या लिखूँ पुरानी।।
लिखना चाहूँ हर दिन कुछ-कुछ
जो सबके मन को भाये,
ओठ हो पुलकित, मन हर्षाये
भटके को रास्ता दिखलाये।।
एक बंद पुराने कमरे में,
लिखने की कुछ कोशिश में।।
antardwand kee sahi abhivyakti .
ReplyDeleteThank you Ma'm. Feeling honoured receiving your comments.
DeleteSamajh ni aata kya likhu tere liye....gud
ReplyDeleteThanks PanditJi..Your support means a lot.
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन एक्सिडेंट हो गया ... रब्बा ... रब्बा - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteपोस्ट सम्मिलित करने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद।
Deletebahut badhiya likha hai
ReplyDeleteThanks Dost..
Deleteसुंदर लिखा ।
ReplyDeleteLovely
ReplyDeleteKhubsurat Abhivyakti...
ReplyDeleteThanks Bhaiya...
Deleteकोशिश नेक हो तो सब नेक हीं होता है
ReplyDeleteकलम बोल उठतीं हैं
बहुत बढ़िया
पोस्ट पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
Deleteभावपूर्ण रचना....बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@
आप की जब थी जरुरत आपने धोखा दिया(नई रिकार्डिंग)
पोस्ट को समय देने के लिए सभी का हार्दिक आभार। आपकी टिप्पणियाँ लिखने के लिए और प्रोत्साहित करती हैं।
ReplyDeleteबहुत खूब , मंगलकामनाएं आपको !!
ReplyDeleteखूबसूरत प्रस्तुति , निरंतरता बनाये रखिये
ReplyDeleteआप को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
आँखों से जो होती बातें ,
ReplyDeleteबीते सावन की बरसातें
तन्हाई मे बीती रातें;
आपने बहुत सुन्दर लिखा हैँ।
आंमन्त्रण