देखो सूरज डूब रहा है,
एक और दिन बीत रहा हैl
कोई पूछे मदिरालय का पथ,
कोई साकी का डेरा,
कोई अलग नहीं यहाँ पर;
सबका जीवन गहन अँधेराl
पथिक का धीरज टूट रहा है,
देखो सूरज डूब रहा हैll
वो कहते हैं नित की भाँति,
पुनः सवेरा आएगाl
पर मुझको भय है इस जग में बस,
अँधियारा ही रह जायेगा;
बस अँधियारा ही रह जायेगाll
एकाकी जीवन में जोगी,
सन्नाटा अब गूँज रहा है,
देखो सूरज डूब रहा हैll
यूँ तो जग ने अविरत समझाया,
पर मुझको अँधियारा ही भायाl
ह्रदय-वेदना सहकर बोलो;
किसने है उजियारा अपनाया?
किसने है उजियारा अपनाया?
क्षण-क्षण रैना बढ़ने पर,
स्वप्न-महल अब टूट रहा है;
देखो सूरज डूब रहा हैll
Good one...
ReplyDeleteक्षण-क्षण रैना बढ़ने पर,
स्वप्न-महल अब टूट रहा है;
देखो सूरज डूब रहा है Awesome lines...Waiting for next.
dhanyavaad.....
Delete"ह्रदय-वेदना सहकर बोलो; किसने है उजियारा अपनाया?"
ReplyDeletebahut acchi line hai.....bahut sarri samvedanao se bhari huii...
good yaar impressive........:)
Actually this is the best of all till date !! Keep going...
ReplyDeleteYES Vvek bhiya I am agree with you....
Deleteबहुत ही सुन्दर पंक्तिया है ... जारी रखे
ReplyDeletevery very beautiful lines rightly said it is the best of all
ReplyDeleteहिंदी शब्दों का अदभुत समन्वय
ReplyDeleteyaar must likha hai...
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