देखो सूरज डूब रहा है,
एक और दिन बीत रहा हैl
कोई पूछे मदिरालय का पथ,
कोई साकी का डेरा,
कोई अलग नहीं यहाँ पर;
सबका जीवन गहन अँधेराl
पथिक का धीरज टूट रहा है,
देखो सूरज डूब रहा हैll
वो कहते हैं नित की भाँति,
पुनः सवेरा आएगाl
पर मुझको भय है इस जग में बस,
अँधियारा ही रह जायेगा;
बस अँधियारा ही रह जायेगाll
एकाकी जीवन में जोगी,
सन्नाटा अब गूँज रहा है,
देखो सूरज डूब रहा हैll
यूँ तो जग ने अविरत समझाया,
पर मुझको अँधियारा ही भायाl
ह्रदय-वेदना सहकर बोलो;
किसने है उजियारा अपनाया?
किसने है उजियारा अपनाया?
क्षण-क्षण रैना बढ़ने पर,
स्वप्न-महल अब टूट रहा है;
देखो सूरज डूब रहा हैll